Wednesday, 19 February 2014

ऐसा
नही कि अब दर्द नहीं 
हाँ बस
अब समय बांध दिया है
उसके लिए

यूँही कभी
आना जाना उसका 
सबके सामने
सबका उसको
तुछ नज़रों से देख
घृणा करते है
मुझे बुरा लगा है ऐसा होना

कहती तो हूँ
ऐसे रहो जैसे
मैं रखूँ तुमको
तब आओ जब कोई
न हो पास
तब आओ जब कोई
न देखे
तब आओ जब भीड़ में
हूँ मैं
तब आओ जाओ सब
सो जायें
तब आओ जब सूरज
भागे
तब आओ जब चंदा
जागे

मैं तो
तुमसे हूँ ना
फिर तो मेरी बात भी मानो 

हाँ तुम
संग ही जीना है
कड़वा बहुत
पर तुमको पीना है

तुम बिन न
प्यास बुझती अब
तुम बिन
सब सुना लगता है
तुम रहो
दिल के कोने में
तुमसे मेरा
कोना कोना जचता है

भरा भरा सा
दिल मेरा
ख़ाली नहीं सुहाता है
तुम रहते हो तो सच
जीने में मज़ा भी आता है

जब से बढ़े हो
सीने में
लज्ज़त बढ़ी है 
जीने में
तुम होते हो
सब होता है
बिन तेरे
सुना जग सारा है

दर्द तू
सिर्फ दर्द नहीं
तू मेरे 
जीने का बहाना है
तू मेरे जीने का बहाना है……..

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