शाम होते ही
दिल घबराने लगता है
इन गुज़रते
पहरों को टाला नहीं जा सकता
और मुझसे
इनको गुज़ारा नहीं जाता
सोचती हूँ
काश ....... सब उलट हो जाये
दिल घबराने लगता है
इन गुज़रते
पहरों को टाला नहीं जा सकता
और मुझसे
इनको गुज़ारा नहीं जाता
सोचती हूँ
काश ....... सब उलट हो जाये
रात भर
दिन के काम काज़ हो जायें
और दिन में
मैं कहीं गायब हो जाऊँ
दिन
गुज़ारा नहीं जाता और
ये रातें बीतती नहीं
पर ये सब
मुमकिन ही नहीं
मुझे ये रातें पसंद नहीं
काश
ये रातें इन २४ घंटों से
गायब हो जायें
या मैं
इन रातों से …….काश!!!!!
दिन के काम काज़ हो जायें
और दिन में
मैं कहीं गायब हो जाऊँ
दिन
गुज़ारा नहीं जाता और
ये रातें बीतती नहीं
पर ये सब
मुमकिन ही नहीं
मुझे ये रातें पसंद नहीं
काश
ये रातें इन २४ घंटों से
गायब हो जायें
या मैं
इन रातों से …….काश!!!!!
ये जो काश शब्द है न ... ये ज़िन्दगी के दो टुकड़े कर देता है ....मुझे ये राते ही पसंद नहीं .... एक बहुत बड़ी बात कही .. शुक्रिया .
ReplyDeleteआभार सर .....
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