मेरी मोहब्बत का रंग
उतर आया हो जैसे
पानी में
ठहरा शांत पानी
मेरी मोहब्बत के जैसा
जो तुम्हारे लिए
ठहरी है एक ही जगह
कितनी भी हवाएं हो
बहारों कि
मेरी मोहब्बत तुम्हारे लिए
बस वहीँ है
शांत, ठहरी और
सिर्फ तुम्हारी
गहरे प्यार का रंग लिए
स्याह सी जो
मुझे उसमे डुबोए रखती है
चुप सी, खामोश सी
बस मोहब्बत है
यकीं है ……
और रंगीन है …..तुम से......
No comments:
Post a Comment