Sunday, 1 December 2013



मेरी मोहब्बत का रंग 
उतर आया हो जैसे 
पानी में
ठहरा शांत पानी 
मेरी मोहब्बत के जैसा 

जो तुम्हारे लिए 
ठहरी है एक ही जगह 
कितनी भी हवाएं हो 
बहारों कि 
मेरी मोहब्बत तुम्हारे लिए 
बस वहीँ है 

शांत, ठहरी और 
सिर्फ तुम्हारी 
गहरे प्यार का रंग लिए 

स्याह सी जो 
मुझे उसमे डुबोए रखती है 
चुप सी, खामोश सी 
बस मोहब्बत है 
यकीं है ……
और रंगीन है …..तुम से......

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