तुम
तो नहीं
पर तुम्हारा
एहसास बहुत है
तुम्हारी
आवाज़ नहीं
पर तुम्हारी गूँज बहुत है
तुम
गुज़रे बस
सोचो
तुम्हारा न होना भी
तुम्हारे होने-सा है
तुम रहो कहीं भी
तुम्हारी महक उड़ती बहुत है
मैंने
अलग किया जब-जब
खुद से ख्याल तुम्हारा
तुम्हारी याद
तो नहीं
पर तुम्हारा
एहसास बहुत है
तुम्हारी
आवाज़ नहीं
पर तुम्हारी गूँज बहुत है
तुम
गुज़रे बस
ख्यालों से मेरे
दिल में लगते मेले बहुत है
तुम्हारे
ज़िक्र का फ़कीर सा
दिन मेरा
तुम बिन
दिल में लगते मेले बहुत है
तुम्हारे
ज़िक्र का फ़कीर सा
दिन मेरा
तुम बिन
कड़वी ये शाम बहुत है
सोचो
तुम्हारा न होना भी
तुम्हारे होने-सा है
तुम रहो कहीं भी
तुम्हारी महक उड़ती बहुत है
मैंने
अलग किया जब-जब
खुद से ख्याल तुम्हारा
तुम्हारी याद
उस पल आयी बहुत है
मेरे
लिए मेरी रूह भी
परायी निकली
जब देखा आईना तो
तुम्हारी ही
झलक आँखों में मिलती बहुत है
तुम
मिलो न मिलो
तेरा इंतज़ार ही बहुत है ……….
मेरे
लिए मेरी रूह भी
परायी निकली
जब देखा आईना तो
तुम्हारी ही
झलक आँखों में मिलती बहुत है
तुम
मिलो न मिलो
तेरा इंतज़ार ही बहुत है ……….
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