उस शाम
तुम्हारी आँखों में
दम तोड़ती मोहब्बत देखी
बुझते
दिन की लौ में
मेरी दम तोड़ती मोहब्बत
बहुत तेज़ नज़र आ रही थी
जैसे
अन्तिम
तुम्हारी आँखों में
दम तोड़ती मोहब्बत देखी
बुझते
दिन की लौ में
मेरी दम तोड़ती मोहब्बत
बहुत तेज़ नज़र आ रही थी
जैसे
अन्तिम
साँसे लेती हो और
नब्ज़ तेज़ तेज़ चलती जाती हो
मैं उसकी
हर साँस को
नब्ज़ तेज़ तेज़ चलती जाती हो
मैं उसकी
हर साँस को
महसूस कर रही थी
उसकी तड़प, छटपटाहट, दर्द
उसकी घुटन
मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी
जैसे वो
माँग रही हो
उसकी तड़प, छटपटाहट, दर्द
उसकी घुटन
मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी
जैसे वो
माँग रही हो
अपने लिए मुक्ति…
इस
इस
अलगाव से, खोने के डर से
ख़त्म होने के ख़ौफ़ से
मैं
ख़त्म होने के ख़ौफ़ से
मैं
रो पड़ी और
अपने दिल को सम्भाल
तुमसे
अपने दिल को सम्भाल
तुमसे
उस शाम विदा ली
फिर कभी न मिलने के लिए
शायद
यही मेरी मोहब्बत की
मुक्ति थी
उस शाम
मैंने ख़ुद को मार कर
अपनी मोहब्बत को जीवन दे दिया …….
फिर कभी न मिलने के लिए
शायद
यही मेरी मोहब्बत की
मुक्ति थी
उस शाम
मैंने ख़ुद को मार कर
अपनी मोहब्बत को जीवन दे दिया …….
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