दिन को इंतज़ार
रात को चाहत
लिखती हूँ ....तुम्हारे लिए
हर पल मुलाकात,
बंद होठों से
इज़हार लिखती हूँ....तुम्हारे लिए
उम्र अधूरी
ज़िन्दगी को
पूरी लिखती हूँ...तुम्हारे लिए
अल्फाज़
कम लगे शायद ...
मैं खुद को लिखती हूँ .....तुम्हारे लिए
रात को चाहत
लिखती हूँ ....तुम्हारे लिए
हर पल मुलाकात,
बंद होठों से
इज़हार लिखती हूँ....तुम्हारे लिए
उम्र अधूरी
ज़िन्दगी को
पूरी लिखती हूँ...तुम्हारे लिए
अल्फाज़
कम लगे शायद ...
मैं खुद को लिखती हूँ .....तुम्हारे लिए