दिन को इंतज़ार
रात को चाहत
लिखती हूँ ....तुम्हारे लिए
हर पल मुलाकात,
बंद होठों से
इज़हार लिखती हूँ....तुम्हारे लिए
उम्र अधूरी
ज़िन्दगी को
पूरी लिखती हूँ...तुम्हारे लिए
अल्फाज़
कम लगे शायद ...
मैं खुद को लिखती हूँ .....तुम्हारे लिए
रात को चाहत
लिखती हूँ ....तुम्हारे लिए
हर पल मुलाकात,
बंद होठों से
इज़हार लिखती हूँ....तुम्हारे लिए
उम्र अधूरी
ज़िन्दगी को
पूरी लिखती हूँ...तुम्हारे लिए
अल्फाज़
कम लगे शायद ...
मैं खुद को लिखती हूँ .....तुम्हारे लिए
Bahut Sunder
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया मोनिका जी ...
Deleteप्रेम के शाश्वत रुप को व्यक्त करती मन की भावुक अनुभूति --
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रेम की कविता --
सादर
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शरद का चाँद -------
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