मुझ में कुछ
टुटा चुभ रहा
दिल खाली हुआ
बस गूंज रहा
हाथ रख
संभालू इसे
चुप करू .....थपथपी लगा
बहला रही .....मान जा
कुछ नहीं हुआ
एक खिलौना था
बस वो टूट गया
दुनिया में कितने
खिलाडी
उनमे से तुझ से भी
कोई खेल गया
दस्तूर
यही है शायद
पुराना दफ़न ....
नया लाया गया
तू चीख चिल्ला
पुकारता रह....
कानों पर पर्दा
लोहे का लगा
दिल है तू
बस धडक
और धड़का कर बस.......
टुटा चुभ रहा
दिल खाली हुआ
बस गूंज रहा
हाथ रख
संभालू इसे
चुप करू .....थपथपी लगा
बहला रही .....मान जा
कुछ नहीं हुआ
एक खिलौना था
बस वो टूट गया
दुनिया में कितने
खिलाडी
उनमे से तुझ से भी
कोई खेल गया
दस्तूर
यही है शायद
पुराना दफ़न ....
नया लाया गया
तू चीख चिल्ला
पुकारता रह....
कानों पर पर्दा
लोहे का लगा
दिल है तू
बस धडक
और धड़का कर बस.......
बहुत ही संजीदा एहसास हैं।
ReplyDeleteshukriya Manav ji ...
ReplyDeletewhat is ur mail id..where u go regularly
ReplyDelete