Tuesday, 20 August 2013

मुझ में कुछ
टुटा चुभ रहा
दिल खाली हुआ
बस गूंज रहा
हाथ रख
संभालू इसे
चुप करू .....थपथपी लगा
बहला रही .....मान जा
कुछ नहीं हुआ
एक खिलौना था
बस वो टूट गया
दुनिया में कितने
खिलाडी
उनमे से तुझ से भी
कोई खेल गया
दस्तूर
यही है शायद
पुराना दफ़न ....
नया लाया गया
तू चीख चिल्ला
पुकारता रह....
कानों पर पर्दा
लोहे का लगा
दिल है तू
बस धडक
और धड़का कर बस.......

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