ये गुलाब की खुशबू मुझे
हमारी पहली मुलाकात
याद दिलाती है...
सारा घर महका था
उस दिन फूलो से
पर तुम जब करीब आये
जैसे गुलाबों की खुशबू लिए
हवायें चलने लगी.....
हर साँस महकने लगी
तुम साथ लाये थे
जैसे फूलों का महकमा
तुम्हारे जाने के बाद भी
ये महकता एहसास
मुझे लुभाता रहा...
वो बीता दिन और गुज़रती रात
मेरी आँखों से नहीं
मेरी सांसो से हो
गुज़र रही थी
जिसमे तुम थे और
तुम्हारा एहसास...
मेरे साथ ...तुम.....
हमारी पहली मुलाकात
याद दिलाती है...
सारा घर महका था
उस दिन फूलो से
पर तुम जब करीब आये
जैसे गुलाबों की खुशबू लिए
हवायें चलने लगी.....
हर साँस महकने लगी
तुम साथ लाये थे
जैसे फूलों का महकमा
तुम्हारे जाने के बाद भी
ये महकता एहसास
मुझे लुभाता रहा...
वो बीता दिन और गुज़रती रात
मेरी आँखों से नहीं
मेरी सांसो से हो
गुज़र रही थी
जिसमे तुम थे और
तुम्हारा एहसास...
मेरे साथ ...तुम.....
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