कुछ यादें जो पीछा नहीं छोड़ती
कितना इन्हें बहा लिया अश्को में
कितना इन्हें बहा लिया अश्को में
ये बैचेन सायों सी पीछा करती है मेरा
कितनी बार भटकाया इनको .....फिर आ ही जाती है सन्नाटो में
बेचैन हूँ आज बहुत क्या कर रहे हो बातें मेरी
भूले तो नहीं मुझे क्या याद आती कभी मुलाकात हमारी
दुःख रहा है दिल क्यूँ बेसबब आज बहुत
कितनी बार भटकाया इनको .....फिर आ ही जाती है सन्नाटो में
बेचैन हूँ आज बहुत क्या कर रहे हो बातें मेरी
भूले तो नहीं मुझे क्या याद आती कभी मुलाकात हमारी
दुःख रहा है दिल क्यूँ बेसबब आज बहुत
क्या सुन रहे हो तुम धड़कने मेरी ….
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