और भी कई गम है मोहब्बत के सिवा
एक तेरी कमी ही नहीं…….इन आँखों में और भी नमी है तन्हाई के सिवा
ज़िन्दगी अगर आसां होती तो यूँही जी लेते हम
तोहमतें और भी है तेरी….. बेवफाई के सिवा
...
जो बिछड़ गये हम से यूँही राहों में
उनकी राहे भी तकती है आंखे ……तेरी राहों के सिवा
मकसद जीने का तलाश करते है हम
सुलझाती हूँ उलझने ……तेरी पहेलियों के सिवा
वक़्त का सितम छुपाया नहीं जाता
अश्क छलक आते है अब ……एक तेरी याद के सिवा
बहुत कमज़ोर लगता है अपना हर कदम
गिर न जाऊं बस कुछ और कदम चलना चाहती हूँ …..तेरे रहम के सिवा
एक तेरी कमी ही नहीं…….इन आँखों में और भी नमी है तन्हाई के सिवा
ज़िन्दगी अगर आसां होती तो यूँही जी लेते हम
तोहमतें और भी है तेरी….. बेवफाई के सिवा
...
जो बिछड़ गये हम से यूँही राहों में
उनकी राहे भी तकती है आंखे ……तेरी राहों के सिवा
मकसद जीने का तलाश करते है हम
सुलझाती हूँ उलझने ……तेरी पहेलियों के सिवा
वक़्त का सितम छुपाया नहीं जाता
अश्क छलक आते है अब ……एक तेरी याद के सिवा
बहुत कमज़ोर लगता है अपना हर कदम
गिर न जाऊं बस कुछ और कदम चलना चाहती हूँ …..तेरे रहम के सिवा
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