Monday, 19 December 2011

मुझसे पूछो कैसा है वो
हमसफर हमसाया है वो
नर्म छाओं सा गर्म एहसास सा वो
मदहोश मंद खुशबु सा वो
मेरी सोती आँखों में जगता खुआब सा वो
छुपती शर्माती लाज्रती उनसे मेरी हया सा वो
मेरे अपने मन का चोर, मेरे दिल का शेहजादा सा वो
मेरे अकेलेपन का सोदागर सा वो ........

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