चलो
भटक जायें कहीं ....और ढूंढे ...
थोडा सुकूं ...अपने कल के लिए ....
चलो
खनखनाती
उम्मीदों के हाथों से
उतार लें अपने
हिस्से की थोड़ी सी खुशियाँ
चलो
चमचमाती जिंदगी
बुलाती हैं हमें बाहें खोले
देखो न .... कितने मजमे लगे है
रोशनियों से सजे .....
चलो
भटकें.....और पा ले
अपनी ज़िन्दगी ....
चलो ...चलें ...
भटक जायें कहीं ....और ढूंढे ...
थोडा सुकूं ...अपने कल के लिए ....
चलो
खनखनाती
उम्मीदों के हाथों से
उतार लें अपने
हिस्से की थोड़ी सी खुशियाँ
चलो
चमचमाती जिंदगी
बुलाती हैं हमें बाहें खोले
देखो न .... कितने मजमे लगे है
रोशनियों से सजे .....
चलो
भटकें.....और पा ले
अपनी ज़िन्दगी ....
चलो ...चलें ...
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