Monday, 31 December 2012

नया साल आया........

नया साल आया वही सब पुराना लाया
पुराने ज़ख़्म ,पुराने दर्द ,पुराने दाग
बस उनमे फिर नयी टिस लाया

नया साल आया वही सब दोहराने आया 
ज़लील इंसान ,वेहशी इंसान और बहरा समाज
बस उनमे जुड़ते नये चेहरे लाया

नया साल आया वही शर्म, बदनसीबी लाया 
अपराध ,असुरक्षा, कमज़ोर और बेबस
बस फिर तैयार करता एक और कहानी लाया

नया साल आया वही तमाशे षड़यंत्र लाया 
उबलता गुस्सा , घुटन भरी आवाज़, नम आंखे
बस राजनीती का नया दाउ खिलाने लाया

नया साल आया वही आँसू ,चुभन और खंज़र लाया 
मैं मासूम, मैं चंचल ज़िन्दगी की नयी पहचान
बस मुझे फिर कुचलने वाला आया

नया साल आया वही कोरी बातें नए तमाशेबाज़ लाया
अपने हर दिन पर शर्मिंदगी और कायरता का मरहम लगाने आया
सच का गला दबा कर फिर नए साल का जश्न मनाओ
नया साल आया देखो सिवाय पच्तार्वे के सिवा कुछ न लाया 
पुराने घाउ फिर हरे करने आया ......नया साल आया फिर नया साल आया

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